DM vs ADM vs SDM me Kiske Pass Jyada Power Hoti Hai: आप में से बहुत सारे स्टूडेंट्स ऐसे होंगे जिन्हें नही पता होगा कि एक समान से लगने वाले तीन पद डीएम, एडीएम और एसडीएम में क्या अंतर होता है कौन से पद पर क्या काम करना होता है और तीनों में किसके पास अधिक पावर होती है तो अगर आप इसके बारे में पूरी जानकारी चाहते है तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़िए.
DM vs ADM vs SDM किसके पास अधिक पावर होती है
आपको बता दें कि डीएम जो होते है उनकी पोस्टिंग जिले स्तर पर होती है किसी भी जिले के अंदर सिर्फ एक ही डीएम होता है डीएम की मंजूरी के बिना जिले में कोई भी कार्य, रैली प्रदर्शन आदि कुछ नहीं हो सकता सबसे पहले डीएम की ही परमिशन लेनी होती है एक जिले के अंदर डीएम की पॉवर इतनी होती है कि वह जिले में किसी भी विभाग में कहीं पर भी जाकर वहाँ के कार्यों की जांच कर सकता है कहीं कोई गड़बड़ी पाई जाती है गैरकानूनी गतिविधि हो रही होती है तो डीएम उनके खिलाफ़ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दे सकता है.
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सरकारी अधिकारियों को सस्पेंड करने तक की पॉवर डीएम के पास होती है मतलब कि अगर जिले के अंदर अगर किसी भी विभाग से कोई समस्या है आपका कोई काम कहीं पर रुका हुआ है तो आप सीधे डीएम के यहाँ पर जाकर शिकायत कर सकते हैं उसके बाद आपका कार्य मिनटों में हो जाएगा इतनी पावर होती है डीएम के पास तो इस तरह डीएम के पास बहुत सारी जिम्मेदारियां भी होती है बहुत सा काम होता है जो उन्हें करना होता है इसलिए डीएम के कार्यों में सहायता के लिए उस जिले में एडीएम (ADM) यानी एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट सहायक जिला अधिकारी को नियुक्त किया जाता है और जिस तरह डीएम सिर्फ एक ही होता है उसी तरह एडीएम भी जिले में सिर्फ एक ही होता है.
एडीएम हमेशा डीएम के अंडर कार्य करते हैं डीएम जो भी जिस तरह का कार्य भी एडीएम को सौंपते हैं वह उन्हें पूरा करना होता है डीएम की अनुपस्थिति में जब डीएम जिले में नहीं होता उस समय डीएम के अधिकार एडीएम ही सँभालते है उस समय जवाबदेही एडीएम की ही होती है.
अब आपके मन में सवाल आ रहा होगा कि एसडीएम के पास क्या पॉवर होती है तो आपको बता दें कि एसडीएम (SDM) यानी सब डिविजनल मजिस्ट्रेट जैसे राज्यों को जिलों में बांटा जाता है उसी तरह जिलों को भी सब डिविजन में बांटा जाता है और एक सब डिवीज़न को मैनेज करने का काम एसडीएम करते हैं जिले में जितनी भी तहसीलें होती है उस जिले में उतने ही एसडीएम होते हैं और जिस तरह डीएम जिले को सँभालता है उसी तरह एक सब डिविजन को एसडीएम सँभालते है और रिपोर्ट डीएम को सौंपते हैं तो इस तरह एसडीएम, एडीएम दोनों डीएम के अंडर कार्य करते हैं तो इनमें सबसे ज्यादा पावर डीएम की ही होती है उसके बाद एडीएम का पद आता है और सबसे कम पावर होती है एसडीएम की.
DM vs ADM vs SDM की सैलरी में कितना अंतर होता है?
डीएम का वेतन सबसे ज्यादा 80 हजार से 1 लाख 30 हजार रूपये प्रतिमाह होता है एडीएम का 60 हजार से 85 हजार प्रतिमाह के बीच में और एसडीएम का 50 हजार से 70 हजार रूपये प्रतिमाह के लगभग वेतन होता है.
डीएम और एडीएम आईएएस सर्विसेज के अंतर्गत आते हैं यानी की ये सिर्फ यूपीएससी का एग्जाम क्लियर करने के बाद बनते हैं जो कि काफी मुश्किल एग्जाम होता है जबकि एसडीएम यूपीएससी और पीसीएस दोनों तरह के एग्जाम क्लियर करने के बाद बन सकते हैं मतलब अगर पीसीएस का एग्जाम कोई कैंडिडेट क्लियर करता है उसकी अच्छी रैंक आती है तो उन्हें एसडीएम का पद मिलता है लेकिन यहाँ पर इनका प्रमोशन काफी लंबे समय के बाद होता है एसडीएम से 20, 25 साल की सर्विस करने के बाद इनका प्रमोशन होता है जबकि अगर कोई कैंडिडेट यूपीएससी का एग्जाम क्लियर करता है तो सबसे पहले वह एसडीएम बनता है जिसके कम से कम 4 साल के बाद प्रमोशन होने पर एडीएम बनते हैं फिर उसके लगभग 9 साल के बाद पर प्रमोशन होने पर डीएम बन जाते हैं.
आज आपने क्या सीखा?
आज इस आर्टिकल में हमने आपको डीएम, एडीएम और एसडीएम में से किसके पास ज्यादा पावर होती है इससे रिलेटेड पूरी जानकारी दी है उम्मीद करते हैं कि DM vs ADM vs SDM me Kiske Pass Jyada Power Hoti Hai जानकारियां आपको अच्छे से समझ में आ गई होगी अगर आपका इससे रिलेटेड कोई और सवाल है तो आप हमें कमेंट कर सकते हैं.